Friday 1 November 2013

de de hai bhagwaan

मुझ पर दया करो इंसान,मुझ पर दया करो इंसान
मंदिर मैं घंटे बजते  हैं ,मस्जिद मैं  हो रही अजान
चारो और पुकारे हा हा ,दे दे दे दे हे भगवान्
कोई कहता  लक्ष्मी दे दे ,कोई मांगे आसन
कोई मांगे छाया दे दे ,कोई कष्ट निवारण

सागर  पर है मेरा आसान ,दिखते हाथ अनेकों
अपने सब हाथों से दाता ,किरपा अपनी फेंको
लेकिन इससे ज्यादा  दुविधा  लक्ष्मी की है आई
दे दो दे दो लक्ष्मी दे दो करते यही दुहाई
अपनी पत्नी कैसे देदूं कैसा तू नादान
अपने घर को सूना कर लूं सोच जरा इंसान
दर्शन से यदि हो जाये तो  घर घर लक्ष्मी जाए
सौ सौ  ताले  लगा लगा कर करते अंतर्ध्यान
मुझ पर दया करो इंसान मुझ पर दया करो इंसान

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