Sunday 19 May 2013

hasna bhi kala hai

कहते हैं न हँसी शरीर को स्वस्थ रखती है  और आजकल स्वस्थ रहने के लिए जब हमारे पास  घी दूध  दही फल सब्जी  हवा पानी कुछ भी नहीं है  यदि जरा बहुत अभी है  अगर सरकार की ऐसी  ही मेहरबानी चलती रही तो जल्द वह  भी खत्म हो जाएगी  और जो है वह नकली मिलावटी  या इतना महंगा  की उसकी मात्र  खुशबू  रंग देख सुन कर खुश हो लें  इसे मैं अगर हसने  से स्वास्थ  मिलता हो तो तो क्या बुरा है कहीं फ़ोकट मैं आजकल कुछ मिलता है  जबतक इस पर टैक्स  न लगे  इतना हँसो  की हसते  हसते  आँखों में आंसू  आ जाएँये आंसू भी  सांत्वना दे देंगे .
हँसी  भी कई प्रकार की होती है .आँख से हँसा  जाता है कटाक्ष हंसी ,होंट  से हंसा जाता है तिर्यक हंसी ,दांत  से हंसा जाता है  दंत् फटा  हंसी  गालों और गले से हंसा जाता है गल फाड़  हंसी , फिक फिक करे हंसा जाता है फिटकार  हंसी  हाथपैर पटल पटक कर हंसा जाता है वह है जबर हंसी  ,
जिस प्रकार इंसानियत  का अर्थ बदल गया है आजादी का अर्थ बदल गया है  हंसी का भी अंदाज बदल गया है . अब अपने लिए नहीं दुसरे के लिए हंसा जाता है . आँखों से तब हंसा जाता  है जब आपकी वजह से दुसरे का काम बिगड़ जाता है . होंठ तब तिरछे होते हैं जब बताना होता है फन्नेखान तुम नहीं  हम हैं  दांत  से तब हंसा जाता है  जब सामने वाले का  बिगाड़ करके उसे सहलाना भी होता है .गालों से गले से से सामने वाले को प्रसन्न  किया जाता है हो ..हो हो  चिंता  मत करो  हा हा हा   ऐसी पटखनी लगायेंगे की चारो खाने चित होगा [तुम] फिक फिक हंसी फँकने  वाले की बातों  पर आती है फंकाना बंद कर क्यों अपनी  बजाये जा रहा है  पेट  दबा कर तब हंसा  जाता है जब विरोधी कोई गलती कर देता है  बस मिल गया हसने का मसाला .पर जनता  माथा ठोक कर हाथ पैर पीट  कर नेताओं की बातों  को सुन सुन कर हँसती है जब नेता भ्रस्टाचार  हटाने की बात करते हैं तब जनता छाती पीट पीट कर हां हा कर स्वास्थ  लाभ करती है  अब फिर कोई नै योजना  हमारे लिए बनेगी  और उससे जुड़े सारे तंत्र का पेट मोटा हो जाएगा जनता को दुबला होते देख वह  पेट  हिलेगा  की जनता स्वास्थ  लाभ कर रही है .जनता दोनों हाथ उपर उठा कर हा हा  चिल्ला कर बैठ जायेगी अगली सुबह का इन्तजार करने .

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